SOAR योजना 2025: स्कूल के छात्रों के लिए AI स्किल्स सीखने का सुनहरा मौका

भारत सरकार ने छात्रों के लिए तकनीक की दुनिया के दरवाज़े खोलते हुए SOAR योजना 2025 की शुरुआत की है। इसका पूरा नाम है Skilling for AI Readiness. यह योजना स्कूली छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI की शिक्षा देने के लिए शुरू की गई है। अब देश के कक्षा 6 से 12 तक के छात्र भी वह ज्ञान हासिल कर सकेंगे जो अब तक सिर्फ उच्च शिक्षण संस्थानों और तकनीकी कॉलेजों तक सीमित था।

SOAR योजना का उद्देश्य है छात्रों में बचपन से ही डिजिटल सोच और तकनीकी समझ विकसित करना। इस कार्यक्रम के जरिए सरकार न केवल AI सिखाएगी, बल्कि शिक्षकों को भी प्रशिक्षित करेगी ताकि वे इस नई शिक्षा पद्धति को सफलतापूर्वक लागू कर सकें। यह योजना आने वाले वर्षों में भारत को एक AI-सक्षम राष्ट्र में बदलने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।

इस योजना में छात्रों के लिए तीन स्तरों पर पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। पहला स्तर है AI to be Aware, जिसमें उन्हें बताया जाएगा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है और यह हमारे जीवन को कैसे प्रभावित करता है। दूसरा स्तर है AI to Acquire, जहां वे मशीन लर्निंग, डेटा एनालिसिस, और बेसिक प्रोग्रामिंग जैसी चीजें सीखेंगे। तीसरे स्तर AI to Aspire में छात्रों को AI से जुड़े करियर विकल्पों के बारे में बताया जाएगा और उन्हें छोटे-छोटे प्रोजेक्ट्स पर काम करने के मौके भी दिए जाएंगेhttps://eduvistara.com/cat-2025-notification-released/

SOAR योजना 2025 की मुख्य विशेषताएं

  • तीन लेवल का पाठ्यक्रम छात्रों के लिए तैयार किया गया है, जिसमें हर लेवल लगभग 15 घंटे का होगा:
    • AI to be Aware – जिससे छात्रों को यह समझ में आए कि AI क्या है और उसका रोजमर्रा की ज़िंदगी में कैसे उपयोग होता है।
    • AI to Acquire – जिसमें मशीन लर्निंग, डेटा प्रोसेसिंग, और बेसिक प्रोग्रामिंग की जानकारी दी जाएगी।
    • AI to Aspire – इसमें छात्रों को बताया जाएगा कि वे AI का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं और इससे जुड़े करियर विकल्प क्या हो सकते हैं।
  • शिक्षकों के लिए विशेष ट्रेनिंग: एक अलग से 45 घंटे का कोर्स “AI for Educators” बनाया गया है ताकि वे खुद भी AI को समझें और छात्रों को बेहतर तरीके से गाइड कर सकें।
  • ऑनलाइन और प्रैक्टिकल लर्निंग का मेल: इस योजना में छात्रों को सिर्फ थ्योरी नहीं, बल्कि प्रैक्टिकल प्रोजेक्ट्स, AI लैब्स, और स्कूल AI क्लब्स में भाग लेने का मौका भी मिलेगा। इससे उनकी सोच और समझ दोनों मजबूत होगी।

शिक्षकों के लिए भी 45 घंटे का विशेष कोर्स तैयार किया गया है, जिसका नाम है AI for Educators. इसके तहत उन्हें AI के बेसिक सिद्धांत, नैतिक जिम्मेदारियाँ और छात्रों को गाइड करने के व्यावहारिक तरीके सिखाए जाएंगे। इससे न सिर्फ छात्रों को लाभ होगा, बल्कि शिक्षकों की तकनीकी समझ भी बढ़ेगी।

इस योजना को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से लागू किया जाएगा। छात्रों को थ्योरी के साथ-साथ प्रैक्टिकल अनुभव भी दिया जाएगा, जिसमें AI लैब्स, डिजिटल प्रोजेक्ट्स और स्कूल AI क्लब्स शामिल हैं। इससे शिक्षा सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि असल दुनिया की जरूरतों से जुड़ सकेगी।

SOAR योजना को Skill India Mission के 10 साल पूरे होने के अवसर पर शुरू किया गया है। इसे कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय ने राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया है। इसके लिए खास फंडिंग का प्रबंध किया गया है और कई प्राइवेट टेक्नोलॉजी कंपनियों के साथ साझेदारी भी की गई है ताकि पाठ्यक्रम को व्यावहारिक और इंडस्ट्री-रेडी बनाया जा सके।

इस योजना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे गांव और शहर के बीच की डिजिटल खाई को पाटा जा सकता है। अक्सर ग्रामीण क्षेत्र के छात्र तकनीकी शिक्षा से वंचित रह जाते हैं, लेकिन अब वे भी अपने स्कूलों में AI की जानकारी ले सकेंगे। यह कदम देश की समान शिक्षा नीति को मजबूत करेगा।

SOAR योजना के लागू होने से छात्रों में आत्मविश्वास बढ़ेगा, उन्हें डिजिटल दुनिया की बेहतर समझ होगी और वे भविष्य की चुनौतियों के लिए खुद को तैयार कर सकेंगे। AI जैसे विषय को स्कूल स्तर पर लाना एक दूरदर्शी कदम है और इससे भारत की नई पीढ़ी वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए सक्षम बन सकेगी।

भविष्य की दिशा:

अगर इस योजना को सही तरीके से लागू किया गया, तो आने वाले वर्षों में भारत के लाखों छात्र AI-ready बन सकते हैं। इससे न सिर्फ उनकी शिक्षा बेहतर होगी, बल्कि वे रोज़गार और स्वरोज़गार के नए अवसर भी हासिल कर पाएंगे। भारत दुनिया के उन गिने-चुने देशों में होगा, जहां स्कूल लेवल पर ही AI literacy दी जा रही है।

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