How to make a career in BAMS after 12th – Complete Guide

अगर आप मेडिकल क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं लेकिन MBBS करना संभव नहीं हो पा रहा है, तो BAMS एक शानदार विकल्प हो सकता है। यह कोर्स भारत की पारंपरिक चिकित्सा पद्धति यानी आयुर्वेद पर आधारित होता है, जो अब सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी लोकप्रिय हो रही है। इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि How to make a career in BAMS after 12th, इसे करने की योग्यता क्या है, एडमिशन प्रक्रिया कैसी होती है, और इसके बाद करियर के क्या अवसर हैं।

How to make a career in BAMS after 12th:

BAMS यानी बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी एक ग्रेजुएशन लेवल का मेडिकल कोर्स है, जिसमें आयुर्वेद की पढ़ाई की जाती है। इसमें छात्रों को औषधियों, पंचकर्म, नैचुरल थेरेपी, सर्जरी और रोग निदान की जानकारी दी जाती है। यह कोर्स आधुनिक एलोपैथी के कुछ हिस्सों को भी कवर करता है जिससे छात्रों को एक बैलेंस्ड मेडिकल नॉलेज मिलती है।

इस कोर्स की कुल अवधि साढ़े पांच साल होती है, जिसमें साढ़े चार साल की थ्योरी और एक साल की अनिवार्य इंटर्नशिप शामिल होती है

BAMS करने की योग्यता

इस कोर्स को करने के लिए उम्मीदवार को 12वीं कक्षा में फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी विषयों के साथ पास होना जरूरी होता है। जनरल कैटेगरी के छात्रों को कम से कम 50 प्रतिशत अंक और आरक्षित वर्गों को 40 प्रतिशत अंक की आवश्यकता होती है। इसके अलावा NEET परीक्षा पास करना अनिवार्य है। उम्मीदवार की आयु कम से कम 17 वर्ष होनी चाहिए

BAMS में एडमिशन कैसे होता है

BAMS में प्रवेश के लिए सबसे पहले NEET परीक्षा पास करनी होती है। उसके बाद राज्य या ऑल इंडिया लेवल पर काउंसलिंग की प्रक्रिया होती है। इसमें उम्मीदवार अपनी पसंद के कॉलेज को चुन सकता है। डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन और सीट अलॉटमेंट के बाद उम्मीदवार को चयनित कॉलेज में एडमिशन मिल जाता है

BAMS का सिलेबस और पढ़ाई के विषय

BAMS में पढ़ाई को चार सालों में बांटा गया है, जिसमें अलग-अलग विषयों पर ध्यान दिया जाता है

पहला वर्ष – शरीर रचना (एनाटॉमी), शरीर क्रिया विज्ञान (फिजियोलॉजी), संस्कृत, इतिहास

दूसरा वर्ष – द्रव्यगुण विज्ञान, रसशास्त्र, रोग निदान

तीसरा वर्ष – बाल चिकित्सा (कौमारभृत्य), अग्निकर्म, शल्य चिकित्सा, ENT

चौथा वर्ष – पंचकर्म, काय चिकित्सा, रिसर्च और क्लिनिकल ट्रेनिंग

इसके बाद एक वर्ष की इंटर्नशिप होती है जिसमें छात्र विभिन्न विभागों में प्रैक्टिकल अनुभव लेते हैं

BAMS कोर्स की फीस कितनी होती है

सरकारी कॉलेजों में BAMS की सालाना फीस 20 हजार से 60 हजार रुपये तक हो सकती है, जबकि निजी कॉलेजों में यह फीस 1.5 लाख से लेकर 3 लाख रुपये प्रति वर्ष तक हो सकती है। फीस कॉलेज और राज्य के अनुसार भिन्न हो सकती है

BAMS के बाद करियर के अवसर

BAMS करने के बाद छात्रों के पास सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में रोजगार के अनेक विकल्प मौजूद होते हैं

सरकारी क्षेत्रों में – आयुष विभाग, सरकारी आयुर्वेदिक अस्पताल, हेल्थ वेलनेस सेंटर, रिसर्च इंस्टीट्यूट्स, कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर जैसी नौकरियां उपलब्ध होती हैं

निजी क्षेत्रों में – आयुर्वेदिक क्लिनिक खोलना, फार्मा कंपनियों में काम करना, आयुर्वेदिक प्रोडक्ट कंपनियों में सलाहकार के रूप में काम करना, पंचकर्म सेंटर शुरू करना

इसके अलावा छात्र उच्च शिक्षा के रूप में MD in Ayurveda, MBA in Hospital Management या रिसर्च क्षेत्र में जा सकते हैं

भारत के प्रमुख BAMS कॉलेज

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद, जयपुर

बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, वाराणसी

टिळक आयुर्वेद महाविद्यालय, पुणे

श्री आयुर्वेद महाविद्यालय, नागपुर

गवर्नमेंट आयुर्वेद कॉलेज, तिरुवनंतपुरम

BAMS बनाम MBBS: एक तुलना

BAMS आयुर्वेदिक पद्धति पर आधारित होता है जबकि MBBS एलोपैथी पर। दोनों की अवधि 5.5 साल होती है लेकिन BAMS की फीस अपेक्षाकृत कम होती है। MBBS के लिए कट-ऑफ ज्यादा होता है जबकि BAMS में कम स्कोर पर भी सीट मिलने की संभावना रहती है। जो छात्र नेचुरल और पारंपरिक चिकित्सा में रुचि रखते हैं उनके लिए BAMS एक बेहतरीन विकल्प है|

BAMS के फायदे:

  1. आयुर्वेदिक चिकित्सा की बढ़ती मांग
  2. सरकारी नौकरियों के अवसर
  3. कम फीस में मेडिकल डिग्री
  4. स्व-रोजगार के बेहतरीन अवसर
  5. वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों में रुचि रखने वालों के लिए सर्वोत्तम विकल्प

सामान्य सवाल-जवाब(FAQ)

क्या BAMS डॉक्टर सरकारी अस्पताल में काम कर सकते हैं – हां, राज्य सरकारें BAMS डॉक्टरों को हेल्थ सेंटर और CHO पदों पर नियुक्त करती हैं

क्या BAMS के बाद क्लिनिक खोला जा सकता है – हां, आप अपना खुद का आयुर्वेदिक क्लिनिक या पंचकर्म सेंटर शुरू कर सकते हैं

क्या BAMS में सर्जरी पढ़ाई जाती है – हां, सीमित सर्जिकल प्रक्रियाएं BAMS में शामिल होती हैं जैसे शल्य और शालाक्य तंत्र

निष्कर्ष: आयुर्वेदिक डॉक्टर बनने की दिशा में एक मजबूत कदम

आज की दुनिया में जहां एलोपैथी के साथ-साथ आयुर्वेद का भी महत्व तेजी से बढ़ रहा है, BAMS एक व्यावहारिक और सम्मानजनक करियर विकल्प है। कम खर्च में एक प्रोफेशनल डिग्री प्राप्त कर सरकारी और प्राइवेट दोनों क्षेत्रों में अवसर पाना संभव है। यदि आपकी रुचि नेचुरल हीलिंग और पारंपरिक पद्धति में है, तो BAMS course आपके लिए एक सही फैसला हो सकता हैhttps://eduvistara.com/best-career-options-in-medical-field-2025/

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